नगरपालिका गाडरवारा का अजीबोगरीब कारनामा


 मृत व्यक्ति को जारी हुआ नोटिस यमराज भी चिल्ला उठे बचा लो हमे - कसम से



 पवन कौरव गाडरवारा। नगरपालिका गाडरवारा आये दिन सुर्खियों में अधिकारियों का तानाशाही रवैया इस कदर शहर की जनता पर कहर बनकर टूट पड़ा है कि मानो कयामत आ गई हो इतने दिनों से कुम्भकर्ण की नींद में सोए अधिकारी इन दिनों अचानक से अवैध कार्यों पर लगाम लगाने भाग खड़े हुए हैं । लगातार अपने अजीबोगरीब कारनामो के चलते सुर्खियों में है । आइए ऐंसे ही एक मामले के बारे में हम आपको रूबरू कराते है जिसने पूरे शहर को सोचने पर मजबूर कर दिया है कसम से ।


 जानते है क्या है पूरा मामला,,,,,


इन दिनों अवैध कालोनियो को लेकर नगरपालिका गाडरवारा ने मुहिम छेड़ रखी है । आयेदिन अवैध निर्माण कार्यों को लेकर अवैध निर्माणकर्ताओ को नोटिस जारी हो रहे है इसी कड़ी में एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया जब नगरपालिका गाडरवारा ने अवैध कालोनी और अवैध निर्माण कार्य को लेकर दिनाँक 09 /12 /2020 को संजय श्रीवास्तव निवासी शिवाजी वार्ड गाडरवारा के नाम नोटिस जारी किया जिसमें 03 दिन में
जबाब देने के लिए नगरपालिका गाडरवारा द्वारा कहा गया । जबकि आवेदक संजय श्रीवास्तव के दिव्यांग होने की वजह से उनके सुपुत्र अक्षय श्रीवास्तव ने दिनाक 16/12/2020 में नगरपालिका को अपना जबाब वकील के माध्यम से प्रस्तुत किया । दोनो तारीखों के अन्तराल में ही नगरपालिका ने एक ओर नोटिस जारी किया जो कि महेश कुमार आत्मज नर्मदाचरन श्रीवास्तव के नाम था लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि महेश कुमार की मृत्यु 09 /05/2001 को हो चुकी है । अब इसे नगरपालिका गाडरवारा के अधिकारियों का योग्यता हीन रवैया कहें या हठधर्मिता या इसे निजी दुश्मनी माने जिसको लेकर ये नोटिस जारी कर दिया लेकिन ऐंसे लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होती है । या ये अधिकारी ऐंसे ही लोगों की छवि ओर ख्याति को नोटिस जारी करके धूमिल करते रहेंगे ये तो आगे आने वाला समय ही बतायेगा ।


 जिसका बनाया मृत्यु प्रमाण पत्र उसी के नाम जारी कर दिया नोटिस


"जिसकी लाठी उसकी भैंस'' जी हां ये ही वाक्या इन दिनों बेशुमार होता दिखाई दे रहा है नगरपालिका की अफसरशाही पर जो अपने मनमाने कारनामो से लोगो को परेशान करने पर आमादा है जी हां इसी नगरपालिका ने विगत दिनों महेश कुमार के नाम दिनाक 10 / 05 /2001 को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया था जिसका नवीनीकरण दिनाँक 22 /12 /2020 को इसी नगरपालिका द्वारा किया गया है । क्या इन अधिकारियों को इतना भी नही पता था कि जिसके नाम ये नोटिस जारी कर रहे हैं वह उस व्यक्ति की मृत्यु आज से लगभग 19 साल पहले हो चुकी है । फिर नोटिस किस उद्देश्य से जारी कर दिया जब नोटिस मृतक के नाती अक्षय श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ तो उनकी तो "आंखे फ़टी की फटी'' रह गई । की नगरपालिका गाडरवारा ने ये कैसा करिश्मा कर दिया ।


 मृतक महेश के पिता रह चुके है तीन बार इसी नगरपालिका के अध्यक्ष


गौरतलब है कि नगरपालिका गाडरवारा ने जिस मृतक व्यकि के नाम नोटिस जारी किया है उनके पिता नर्मदा चरण इसी गाडरवारा नगरपालिका में 1952 से 1957 , 1962 से 1965 एवं 1966 से 1969 तक तीन बार नगरपालिका अध्यक्ष रह चुके है बतौर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष होने के बाद आज उनके ना रहने पर आज उनके पौत्रों को इसी नगरपालिका में अफसरशाही के तानाशाही रवैये के चलते अधिकारियों चक्कर काटने पड़ रहे है । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के वंशजों के लिए ये व्यवस्था है तो आम आदमी को कितनी परेशानी उठानी पड़ती होगी ये तो आप समझ ही सकते हैं ।


 सीएम हेल्पलाइन पर भी हो चुकी है शिकायत लेकिन नही हो सका निराकरण


मुख्यमंत्री ने जनता की समस्या सुनने के लिए सीएम हेल्पलाइन तो बना डाली लेकिन इस फोरम की कमान उन्ही अधिकारियों के हाथ सौंप दी जो लोगों को अपनी अफ़सरशाही के दम पर परेशान करने का काम कर रहे है जब शिकायतकर्ता अक्षय श्रीवास्तव द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई तो नगरपालिका अधिकारी अपना पल्ला झाड़ने से नही चूके । अधिकारियों के इस रवैये एवं गैर सन्तुष्टि पूर्ण रवैये से शिकायत एल -1 अधिकारी से लेकर एल -4 तक पहुची लेकिन अधिकारी शिकायतकर्ता को सन्तुष्ट नही कर सके ओर शिकायत अभी भी एल - 4 अधिकारी के समक्ष लटकी हुई है ।


 इनका कहना है
 मेरे को इस मामले में कुछ नही पता लेकिन ये गलत है मृत व्यक्ति के नाम से नोटिस जारी नही होना चाहिए ।
 आर .एस. राजपूत एसडीएम गाडरवारा